नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौद्रिक नीति अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कारकों को ध्यान में रखेगी। उन्होंने कहा कि नीति इतनी सख्त नहीं होगी कि इससे बाजार में काफी सुस्ती आए। शक्तिकांत दास ने मंगलवार को सिंगापुर इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के एक कार्यक्रम में यह बात कही।
उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है और भारत की मुद्रा कमजोर हो रही है। यह आरबीआई पर मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं को कम करने के लिए मौद्रिक नीति को कड़ा करने का दबाव डालता है। उन्होंने कहा, “हम हमेशा आर्थिक विकास की जरूरतों को ध्यान में रखते हैं और गिरावट की दर एक निश्चित सीमा तक ही होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि नीतियां ऐसी नहीं होनी चाहिए जिससे अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आए।
खुदरा महंगाई में थोड़ी राहत
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी को जून में थोड़ी राहत मिली है। मंगलवार को सरकार ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी किए। आंकड़ों के मुताबिक जून में खुदरा महंगाई दर 7.01 फीसदी थी। यह मई 7.04 के मुकाबले 0.43 फीसदी कम है। आपको बता दें कि यह लगातार छठा महीना है जब महंगाई दर आरबीआई की 6% की ऊपरी सीमा को पार कर गई है। जनवरी 2022 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.01%, फरवरी में 6.07%, मार्च में 6.95% और अप्रैल में 7.79% थी। जून में कोर महंगाई दर 6 फीसदी थी। इसमें खाद्य और ऊर्जा क्षेत्र शामिल नहीं है। खाद्य मुद्रास्फीति में भी मामूली गिरावट आई है। मई में यह 7.97 फीसदी थी, जो जून में 7.75 फीसदी थी।
औद्योगिक उत्पादन बढ़ा
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी औद्योगिक उत्पादन के हालिया आंकड़े भारतीय अर्थव्यवस्था में अच्छी रिकवरी का संकेत देते हैं। एनएसओ की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (एमआईआई) मई 2022 में 19.6 फीसदी बढ़ा है। विकास दर में इस सुधार का श्रेय मुख्य रूप से विनिर्माण, बिजली और खनन क्षेत्रों को जाता है।