ब्लू स्काई डे पर सीएसई की रिपोर्ट
राष्ट्रीय स्वच्छ पर्यावरण कार्यक्रम (एनसीएपी) में शामिल और बाहर किए गए शहरों के पीएम 2.5 प्रदूषण स्तर में महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) द्वारा ब्लू स्काई डे पर एक नई रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया।
2017 की तुलना में एनसीएपी के तहत पीएम 2.5 के स्तर में 20 प्रतिशत और पीएम 10 के स्तर में 2024 तक 30 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा गया है। पीएम 2.5 इस प्रकार का तत्व है, जो 2.5 माइक्रोमीटर से छोटा होता है। बिना रास्ते से हमारे शरीर में प्रवेश करने से गंभीर नुकसान होता है।
2020-21 तक पीएम 10 प्रदूषण 15% से ज्यादा कम हो जाएगा और सरकार 200 दिनों तक स्वच्छ हवा का आह्वान भी कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 63 शहरों में इनमें से 132 प्रकार की निगरानी की जा रही है।
सिर्फ 14 राज्यों में PM 2.5 में 10% की कमी
- दिल्ली और गाजी में हैदराबाद से 5% कम प्रदूषण।
- खन्ना, जयपुर और उदयपुर में 20% तक की वृद्धि देखी गई।
- पंजाब, राजस्थान और महाराष्ट्र में सबसे अधिक प्रदूषण वृद्धि वाले शहर। वाराणसी, चेन्नई में सबसे ज्यादा सुधार।
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गैर-एनकैप्सुलेशन: केवल 10% में निरीक्षण
देश में 4,041 शहर हैं। पीएम 10 की निगरानी राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम और यू.एस. 400 में निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी के तहत की जाती है।
शहर में 15 PM 2.5 का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।
- गुजरात के अंकलेश्वर में सबसे ज्यादा 34 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई।
- सतना, बहादुरगढ़, बठिंडा में 20% से अधिक।
- हरियाणा, मध्य प्रदेश और गुजरात के क्षेत्र में विकास।
- हरियाणा के पलवल में भी सबसे ज्यादा 60% का सुधार देखने को मिला।