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उत्तराखंड में ड्रग्स माफिया पर कार्रवाई के लिए बनी टास्क फोर्स, शिक्षण संस्थानों पर भी रहेगा फोकस

शराब माफिया पर कार्रवाई के लिए ट्राई टास्क फोर्स का गठन किया गया है। एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) दोनों कैटेगरी में काम करेगी। ये दोनों इकाइयां नारकोर्डिनेशन सेंटर (एनकॉर्ड) की देखरेख में काम करेंगी। अवैध व्यापार करने वालों पर कार्रवाई के साथ एएनटीएफ अभियान भी व्यक्तियों द्वारा जब भी चलाया जा सकता है। टाटा की दोनों सेनाएं भी लोगों को जनता की नजरों से बाहर निकालने और जाल में फंसाने के लिए कई स्तरों पर काम करेंगी।

डीजीपी अशोक कुमार ने पिछले दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह रावत को इस टास्क फोर्स के लिए मंजूरी दी थी। टास्क फोर्स राज्य, जिला और पुलिस थाना स्तर पर होगी। राज्य में, वह क्षेत्रीय स्तर पर एडीजी अपराध और कानून प्रवर्तन का प्रबंधन करेंगे, जबकि एसएसपी। एनटीएफ चीफ एसपी क्राइम जिला स्तर पर सीओ ऑपरेशन होंगे। निगरानी करने वाले पुलिस कप्तान जिलों में काम करेंगे। थाना स्तर पर थाना प्रभावी नोडल अधिकारी होगा। इस टास्क फोर्स के लिए पुलिस कर्मियों का चयन किया जाएगा। एएनटीएफ कई स्तरों पर एनडीपीएस या एनसीबी सीटों के आंकड़े एकत्र करता है।

यह ड्रग तस्करों के खिलाफ प्रभावी रूप से मदद करेगा। सभी जिलों में नशामुक्ति केंद्रों के प्रतिनिधि एक साथ बनते हैं। एनटीएफ आपके पुराने सभी अपराधियों का सही इतिहास तैयार करता है और तस्करों को चलाता है। यदि आवश्यक हुआ तो प्रतिबंध का कार्य भी बल या जिम द्वारा ही किया जायेगा। कि यह फोर्स ड्राइव तस्करी में शामिल लोगों के आवासों को भी जब्त करने में सक्षम होगी। केंद्र और राज्य अन्य विभागों और दवा केंद्रों को एक साथ स्थापित करने के लिए स्वतंत्र होंगे, दवा की रोकथाम भी इस कार्य के लिए सबसे महत्वपूर्ण कार्य है।

डीजीपी ने कहा कि वर्तमान में नशा तस्कर शिक्षण संस्थानों को जाल में फंसा रहे हैं. इसके लिए जरूरी है कि इस जाल को तोड़ा जाए। इसके लिए शिक्षण संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। साथ ही संस्था की पास इंटेलीजेंस भी सक्रिय रहेगी, जो लोग नैचुरल टारगेट बनाते हैं, उन तक आसानी से पहुंच सकते हैं.

दोहराना सचिवालय की तरह कार्य करें। एसटीएफ कार्यालय में होगा वायलेंस सेंटर इन कई स्तरों पर लिए गए निर्णयों की समीक्षा करें। पारदर्शिता बनाने के लिए एएनटीएफ में नियुक्तियों पर भी नजर रखें। यदि उनके अपराधियों के साथ मिलीभगत पाई जाति है, तो बातचीत करें। हर महीने पुलिस महानिदेशक एएनटीएफ और एनसीओआरडी के कार्यों की समीक्षा करेंगे।

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