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Dr. Deepti Death Case: आगरा के इस चर्चित मामले में सीबीआई ने लगाई क्लोजर रिपोर्ट, जानें पूरा घटनाक्रम

आगरा के मशहूर थाना ताजगंज के डॉ.दीप्ति अग्रवाल दहेज हत्या मामले में डेढ़ साल की चर्चा के बाद क्लोजर रिपोर्ट सौंपी है। सीबीआई जांच में पाया गया कि डॉ. दीप्ति ने आत्महत्या की। सुसाइड नोट में लिखावट उन्हीं की थी। दहेज की मांग के आरोप के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिला है। दीप्ति के पिता सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध करेंगे।

यह घटना 3 अगस्त 2020 की है। डॉ। दीप्ति अग्रवाल ताजगंज के विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में लटकी मिलीं। उनके पति डॉ. सुमित अग्रवाल ने उन्हें प्रतापपुरा के सफायर अस्पताल में भर्ती कराया। परिजन डॉ. दीप्ति को फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल ले गए। 6 अगस्त को इलाज के दौरान दीप्ति की मौत हो गई।

घटना पर एक नजर

  • 7 अगस्त 2020 – डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. कोसी निवासी। नरेश मंगला ने ताजगंज थाने में मामला दर्ज कराया है। जिसमें दीप्ति के पति सुमित अग्रवाल, ससुर डॉ. एस.सी. अग्रवाल, सास अनीता अग्रवाल, दामाद डॉ. अमित और जेठानी तूलिका अग्रवाल को नामांकित किया गया है। मामला दहेज हत्या, दहेज प्रताड़ना, मारपीट और गर्भपात की धाराओं के तहत दर्ज किया गया था।
  • 8 अगस्त – पुलिस डॉ. सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। बाद में सभी आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। गर्भपात खंड को नजरअंदाज कर दिया गया था। सुमित के अलावा किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।
  • 17 दिसंबर – दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला की याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए।
  • 23 जनवरी 2021 – सीबीआई की लखनऊ शाखा ने मामले की जांच शुरू की।
  • 8 जून 2021 – डॉ. बच्ची की देखभाल के लिए सुमित को छह हफ्ते की पैरोल मिली है।
  • 21 जुलाई 2021 – डॉ. सुमित को फिर जेल भेज दिया गया।
  • 1 अगस्त, 2021 – सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी।
  • 28 जून 2022 – सीबीआई ने ट्रायल की क्लोजर रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी। क्लोजर रिपोर्ट की कॉपी सीजेएम कोर्ट आगरा में दाखिल की गई है।

ऐसी जांच

  • सुसाइड नोट की फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी, आगरा और दिल्ली में जांच की गई। डॉ. दीप्ति को यह लिखावट मिली। किसी को जवाबदेह नहीं ठहराया गया।
  • भोपाल के सीएफएसएल में मोबाइल और लैपटॉप की जांच की गई।
  • सीसीटीवी फुटेज का डीवीआर सत्यापन हैदराबाद की एक प्रयोगशाला में किया गया था। इससे पता चला कि सुमित कितने बजे आया था।

क्लोजर रिपोर्ट का हम विरोध करेंगे : डॉ. नरेश मंगला

डॉ। दीप्ति के पिता और प्रेमी डॉ. नरेश मंगला ने कहा कि वह सीबीआई जांच से संतुष्ट नहीं हैं। बेटी की दहेज हत्या के मामले में उसके परिजनों के बयान के आधार पर कोई तहरीर नहीं दी गई है. आधार पर आरोपी पक्ष के बयान लिए गए। सीबीआई को कैसे पता चला कि दहेज की मांग नहीं की गई थी? बेटी के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। बेटी की शादी को छह साल से भी कम समय हुआ था। क्लोजर रिपोर्ट का विरोध करेंगे।

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