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कितना फायदेमंद है अमेरिका से iPhone 14 सीरीज का फोन खरीदना और क्या हैं इसके नुकसान

नई दिल्ली। टेक दिग्गज Apple ने iPhone 14 सीरीज का अपना लेटेस्ट लाइनअप लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने इस सीरीज में चार आईफोन पेश किए हैं। इसमें iPhone 14, iPhone 14 Plus, iPhone 14 Pro और iPhone 14 Pro Max शामिल हैं। एपल ने इस बार यूएस में सिर्फ ई-सिम मॉडल लॉन्च किए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यूएस बेस्ड आईफोन वेरिएंट भारत में काम करेगा? इसका जवाब है हां, यूएस बेस्ड आईफोन वेरिएंट भारत में काम करेगा।

Apple ने यूएस में iPhone 14 सीरीज में फिजिकल सिम कार्ड स्लॉट को हटा दिया है। इसका मतलब है कि iPhone 14 सीरीज के यूएस वेरिएंट में फिजिकल सिम कार्ड ट्रे नहीं होगी। इसके बजाय, iPhone 14 सीरीज के फोन केवल eSIMS को सपोर्ट करेंगे। कंपनी का कहना है कि यूएस बेस्ड इन आईफोन्स को फिजिकल सिम से एक्टिवेट नहीं किया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि भारत में प्रमुख दूरसंचार प्रदाता जैसे एयरटेल, जियो और वीआई ई-सिम का समर्थन करते हैं। भारत में E-SIM की सुविधा कई सालों से उपलब्ध है। एपल ने इन टेलीकॉम कंपनियों को ई-सिम सुविधा के लिए पहले ही पंजीकृत कर लिया है। इसका मतलब है कि भारतीय यूजर्स अमेरिका से ई-सिम आईफोन 14 खरीद सकते हैं और यह भारत में भी काम करेगा, लेकिन यहां सिर्फ अनलॉक आईफोन ही काम करेगा।

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अमेरिका से लेटेस्ट आईफोन खरीदने के फायदे और नुकसान
हालांकि, यूएस से लेटेस्ट आईफोन खरीदने के फायदे और नुकसान दोनों हैं। सभी नए iPhone 14 फिजिकल सिम को सपोर्ट नहीं करते हैं। इसका मतलब है कि यूजर्स को अपने नए आईफोन को ऑपरेट करने के लिए अपने सर्विस प्रोवाइडर की मदद लेनी होगी। वाई, जियो और एयरटेल ने अपनी वेबसाइटों पर सूचीबद्ध किया है कि उपयोगकर्ता ई-सिम को कैसे सक्रिय कर सकते हैं।

डेटा स्थानांतरित नहीं कर सकता
उपयोगकर्ता अपने भौतिक सिम पर सहेजी गई किसी भी चीज़ को स्थानांतरित नहीं कर सकते। साथ ही यूजर्स सिम पर कॉन्टैक्ट्स या कुछ भी सेव नहीं कर पाएंगे। यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि केवल कुछ दूरसंचार कंपनियां वाहक स्विच करने के लिए ई-सिम फास्ट ट्रांसफर की पेशकश करती हैं। ऐसे में यूजर्स को यह चेक करने की जरूरत है कि वे जिस कंपनी से ट्रांसफर करना चाहते हैं वह उसे सपोर्ट करती है या नहीं। यदि वे उपकरणों के बीच स्विच करना चाहते हैं तो कोई भी भौतिक सिम उनके लिए चुनौती नहीं देगा।

अधिक रोमिंग लागत
इसके अलावा यूजर्स को यात्रा के दौरान ई-सिम सपोर्ट करने वाले टेलीकॉम प्रोवाइडर्स की सर्विस लेनी होगी। वे हवाई अड्डे पर स्थानीय सिम खरीद या उपयोग नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा इसकी रोमिंग कॉस्ट भी काफी ज्यादा होगी।

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